Cash Flow Statement समझना क्यु जरुरी है ? Cash Flow Statement kya hai ?
किसी भी व्यापार को समझने के लिए सिर्फ उसका Profit और Loss ही समझना उचित नहीं है।
क्युकी ऐसा हो सकता है, की कोई कंपनी व्यापार तो बहुत अच्छा करती हो लेकिन बेचे हुए माल के बदले में उस के पास पैसा न आता हो।
और वह उस पैसे को वापस जुटाने में भी असमर्थ हो।
ऐसे में उसका Profit & Loss Statement तो अच्छा व्यापार करने की वजह से मुनाफ़ा दिखाएगा।
लेकिन ऐसा हो सकता है, की किसी भी ग्राहक से पैसा न आने पर कंपनी के पास कुछ पैसा न हो।
ऐसा होने पर कंपनी के पास उसका व्यापार आगे बढ़ाने के लिए पैसा न हो।
और इसके लिए उसे Short Term के लिए क़र्ज़ लेना पड़ सकता है।
या इसके अलावा भी और कोई मुश्किल हो सकती है।Cash Flow Statement kya hai?
इस लिए क्या कंपनी में अच्छे व्यापार के साथ ही अच्छा Cash भी आ रहा है या नहीं यह जानना बहुत ही जरुरी है।
यह पूरी जानकारी हमें कंपनी के Cash Flow Statement से मिलती है।
इस लिए हमें कंपनी का Cash Flow Statement समझना भी बहुत जरुरी है।
Cash Flow Statement kya hai ?
जैसे हमने ऊपर बात की किसी भी कंपनी का Cash Flow Statement हमें उस कंपनी में आए हुए सभी पैसो और बहार गए हुए सभी पैसो के बारे में जानकारी देता है।
जिस से हम कंपनी की Cash Generate करने की क्षमता के बारे में जानकारी देता है।
इस जानकारी का उपयोग हम कंपनी के Valuation (मूल्यांकन) करने में कर सकते है।
Cash Flow Statement Format :
किसी भी कंपनी का Cash Flow Statement Format में मुख्य तीन भाग होते है :
- Cash Flow From Operating Activity
- Cash Flow From Investing Activity
- और Cash Flow From Financing Activity
किसी भी कंपनी में होने वाली सभी प्रक्रिया को ऊपर दिए हुए तीन भागो में विभाजित किया जाता है।
1) Operating Activity : Cash Flow Statement kya hai ?
कंपनी अपने मुख्य व्यापर से जुडी कोई भी प्रक्रिया करती है, उसे Operating Activity कहा जाता है।
जैसे Raw Material खरीदना या Trading के लिए Goods खरीदना , तैयार Products या Service को बेचना।
इनके अलावा सरकार को Tax चुकाना भी Operating Activity में सामिल है।
इन सभी प्रक्रिया से कंपनी में आए हुए और बहार गए हुए पैसो को मिलाकर कुल पैसो की स्थिति को Cash Flow From Operating Activities में दिखाया जाता है।
उदहारण के तौर पर
कंपनी XYZ कपड़ों को खरीदकर उसकी Trading करने का व्यापार करती है।
इस साल उसने कुल कपड़ा 100 करोड़ का खरीदा , कुल Sales 150 करोड़ की करी जिस पर उसे कुल मुनाफ़ा 20 करोड़ का हुआ और उसने 6 करोड़ का टैक्स चुकाया।
तो कंपनी XYZ के लिए
Cash Flows From Operating Activity इस प्रकार होगा।

2) Investing Activity : Cash Flow Statement kya hai ?
अगर कंपनी निवेश से जुडी कोई भी प्रक्रिया करती है, तो उसे Investing Activity कहा जाता है।
जैसे अगर कंपनी ने कोई नई संपत्ति खरीदी या बेचीं और किसी निवेश पर मिला ब्याज , किराए पर दी हुई संपत्ति से मिला हुआ किराया यह सभी प्रक्रिया इसमें सामिल है।Cash Flow Statement kya hai?
जैसे कंपनी XYZ ने इस साल एक नया Showroom 10 करोड़ में खरीदा , और एक पुराना Showroom 2 करोड़ में बेचा।
इसके अलावा उसे इस साल Fixed Deposit की राशि पर 1 करोड़ रुपए का ब्याज मिला।
यह सभी प्रक्रिया मिलकर उसके लिए Cash Flows From Investing Activity कुछ इस प्रकार होगी।

3) Financing Activity : Cash Flow Statement kya hai ?
हम जानते है, की कंपनिया मुख्य दो प्रकार से पैसा जुटा सकती है।
- शेयर बेचकर (Equity या Preference) या
- क़र्ज़ लेकर (Bank या कोई Bond जैसे कुछ Paper जारी कर के).
इन दोनों ही प्रकार से जुडी हुई प्रक्रिया को Financing Activity में सामिल किया जाता है। Cash Flow Statement kya hai ?
जैसे इस साल कंपनी XYZ ने 100 करोड़ रुपए अपने 10 करोड़ शेयर बेचकर जुटाए और बैंक से 5 करोड़ रुपए का क़र्ज़ लिया तो उसके लिए Cash Flow From Financing Activity इस प्रकार होगी।

इन सभी प्रक्रिया में जिस प्रक्रिया से कंपनी के अंदर पैसा आता है उसे Positive और जिस से पैसा बहार जाता है उसे Negative लिखा जाता है।
इस तरह कंपनी XYZ के लिए पूरा Cash Flow Statement इस प्रकार होगा।

अगर कंपनी के लिए Net Cash From Operating Activity Positive और Investing और Financing Activity में Net Cash Negative है तो वह कंपनी की स्थिति बहुत अच्छी है।
क्युकी इस से पता चलता है, की कंपनी Operations से पैसा कमा रही है और फिर Invest करने में और क़र्ज़ को कम करने में पैसा उपयोग कर रही है।
और अगर ऐसी कंपनी का Total Cash Flow Positive हो तो उसकी स्थिति बहुत ही अच्छी होती है।
ऐसी चीज़े देख कर हम कंपनीओ के Cash की स्थिति का पता लगा सकते है।Cash Flow Statement kya hai ?
FAQs
Cash Flow Statement का महत्व क्या है?
किसी भी व्यापार को समझने के लिए सिर्फ उसका Profit और Loss ही समझना उचित नहीं है। क्युकी ऐसा हो सकता है, की कोई कंपनी व्यापार तो बहुत अच्छा करती हो लेकिन बेचे हुए माल के बदले में उस के पास पैसा न आता हो और वह उस पैसे को वापस जुटाने में भी असमर्थ हो। ऐसे में उसका Profit & Loss Statement तो अच्छा व्यापार करने की वजह से मुनाफ़ा दिखाएगा।लेकिन ऐसा हो सकता है, की किसी भी ग्राहक से पैसा न आने पर कंपनी के पास कुछ पैसा न हो। ऐसा होने पर कंपनी के पास उसका व्यापार आगे बढ़ाने के लिए पैसा न हो। और इसके लिए उसे Short Term के लिए क़र्ज़ लेना पड़ सकता है।
या इसके अलावा भी और कोई मुश्किल हो सकती है।Cash Flow Statement kya hai?
इस लिए क्या कंपनी में अच्छे व्यापार के साथ ही अच्छा Cash भी आ रहा है या नहीं यह जानना बहुत ही जरुरी है। यह पूरी जानकारी हमें कंपनी के Cash Flow Statement से मिलती है। इस लिए हमें कंपनी का Cash Flow Statement समझना भी बहुत जरुरी है।
Cash Flow Statement के फायदे क्या है?
Cash Flow Statement का सबसे बड़ा फायदा यही है की इस से कंपनी मे केश की लेन देन को समजा जा सकता है।
D’Mart Cash Flow Statement Example :
Cash Flow Statement हम D’Mart के Cash Flow Statement के Example से समझेंगे।
हमने समझा की Cash Flow Statement में कंपनी की सभी Activity को तीन भाग में बांटा जाता है।
- Cash Flow From Operating Activity
- Cash Flow From Investing Activity
- और Cash Flow From Financing Activity
इस लिए D’Mart के Cash Flow Statement को भी हम इन तीन भाग में ही समझेंगे।
1) Cash Flow From Operating Activity :
यहाँ पर मैंने D’Mart के Cash Flow Statement का पहला भाग यानी Cash Flow From Operating Activity लिया है।

हम एक एक कर के सभी Entry को जानेंगे।
सबसे पहली Entry है, Profit Before Tax की।
XYZ के उदहारण में हमने सीधा Profit Before Tax लेने के बजाए Revenue और Expenses लिए थे।
लेकिन यहाँ पर वो दोनों को लेने के बजाए सीधा Profit Before Tax ही ले लिया है।
जो की गलत नहीं है।
Profit Before Tax की राशि Profit & Loss Statement में से ली जाती है।
यह राशि DMart के लिए है 1447.64 करोड़।
अब पैसा कंपनी में आने की वजह से इसे Positive लिखा जाएगा इस लिए Profit Before Tax की Entry होगी 1447.64 करोड़।
इसके बाद है,
Depreciation and Amortization Expenses :
हम यह जानते है की Depreciation और Amortization दोनों ही Non Cash Expenditure है।
यानी इनको खर्च में गिना जाता है, लेकिन इसके लिए सीधा पैसा किसी को देना नहीं होता।
जैसे अगर आपने आज कोई मशीन 1 लाख की खरीदी तो उसकी कीमत 2 साल बाद 1 लाख नहीं उस से कम हो जाएगी।
तो इस तरह कीमत कम हो जाने को Depreciate होना कहते है।
और अगर कोई ऐसी संपत्ति जिसे छुआ नहीं जा सकता जैसे Software,या TradeMark, Patents की कीमत कम हो जाने को Amortization कहते है।
अब यह कम हुई कीमत सीधी तो किसी को देनी नहीं होती लेकिन यह खर्च तो हे ही।
इस लिए Profit Before Tax में Depreciation और Amortization पहले से ही घटाया हुआ होता है।
लेकिन इन से Cash में कोई फर्क नहीं पड़ने की वजह से इस खर्च में पैसा कंपनी के बहार नहीं जाता।
इस लिए इन खर्च को Positive लिखा जाता है।
D’Mart के लिए यह खर्च है, 198.80 करोड़।
इसके बाद है,
Finance Cost :
Finance Cost का यहाँ पर मतलब है Interest जो कंपनी को देना है।
यह भी एक Financing Activities से जुड़ा हुआ है।
लेकिन Profit Before Tax में यह पहले से ही घटाया गया ही है।
इस लिए इसे भी Operating Activities में फिर से जोड़ कर Financing Activities में से घटाया जाता है।
इसके बाद है,
Interest Income :
यह Interest Income कंपनी के किसी प्रकार के निवेश से मिलती है।
और इसे Profit & Loss Statement में Revenue के साथ जोड़े जाने की वजह से Profit Before Tax में यह सामिल होती है।
लेकिन यह सीधे ही कंपनी के व्यापार से नहीं जुडी लेकिन निवेश से जुडी होती है।
इस लिए इसे Operating Activity में से घटा कर Investing Activity में लिखा जाता है।
DMart के लिए यह Interest Income है 25.84 करोड़।
जब हम Cash Flow From Investing Activity के बारे में बात करेंगे तब वह आएगी।
इसके बाद है,
Profit On Sale of Investment :
यह भी एक निवेश से जुडी हुई Income है।
और P & L Statement में यह भी सामिल की जाती है।
इस लिए इसे भी Operating Activity में से घटा कर Investing Activity में जोड़ा जाता है।
D’Mart के लिए यह Profit है, 10.08 करोड़।
अगला है,
Expense on employee stock option scheme (ESOP) :
ESOP यानी Employee Stock Option एक लाभ है, जो कंपनी अपने Senior Employees को देती है।
इस सुविधा में कंपनी अपने शेयर किसी निश्चित समय के बाद एक निश्चित किमत में इशू करने का विकल्प देती है।
जैसे कंपनी ABC ने अपने कुछ Employees को अपने शेयर 50 रुपए प्रति शेयर के दाम पर खरीदने का विकल्प दिया है।
अब निश्चित समय के बाद जब उसके Employees चाहे तब कंपनी उन्हें यह शेयर इशू करेगी।
इस से Employees को लाभ होता है, क्युकी जब बाजार में इसके शेयर की बहुत अच्छी किमत चल रही होती है तब भी उन्हें ABC के शेयर 50 रुपए में ही मिलेंगे।
यानी अगर बाज़ार में ABC के शेयर की किमत 100 रुपए हो तब भी उन्हें यही शेयर कंपनी 50 रुपए में इशू करती है।
ऐसे में Employees चाहे तो वह शेयर कंपनी से खरीदकर बाज़ार में बेचकर मुनाफ़ा कमा सकते है।
अब इस नए शेयर इशू करने में कंपनी को सीधा सीधा Cash के रूप में खर्च नहीं आता।
इस लिए इस को भी Non Cash Expenditure कहते है।
और इसे भी Operating Activities में Positive लिया जाता है।
D’Mart के लिए यह राशि है 16.61 करोड़ की।
ESOP के बारे में ज्यादा जानकारी यहाँ से ले : ESOP
अब इसके बाद है,
Rent Income :
Rent Income यानी कंपनी ने कोई चीज़ किराए पर दी है, तो वह आया हुआ किराया।
यह किराया भी सीधे कंपनी के व्यापार से नहीं जुड़ा बल्कि निवेश से जुड़ा है।
लेकिन यह भी कंपनी के Profit Before Tax में Other Income में जोड़ा गया था।
इस लिए इसे भी Operating Activities में से घटा कर Investing Activities में जोड़ा जाता है।
D’Mart के लिए यह राशि है, 5.72 करोड़।
इसके बाद है,
Gain or Loss on disposal of property plant and equipment (net) :
यानी इन सब को मिलाकर बनता है,
Operating profit before working capital changes .

यानी कंपनी का Operating Profit लेकिन Working Capital के बदलाव से पहले।
D’Mart के लिए यह राशि है, 1667.55 करोड़।
कंपनी के Current Assets और Current Liabilities में हुए बदलाव भी Operating Activity ही कहलाते है।
Part 1 : Cash Operating Activities

इस भाग की सभी Activities को हम एक एक कर के नहीं बल्कि 2 – 3 की जोड़ी में देखेंगे।
इनमे पहली जोड़ी है,
Increase in Trade Payables और Increase in Trade Receivables :
Trade Payables :
Trade Payable वो राशि है, जो कंपनी ने अपने Suppliers को Goods खरीदने के बदले में देनी होती है।
यह राशि बढ़ने का मतलब है, कंपनी ने अपने Suppliers को अब पहले से ज्यादा पैसा देना बाकि है।
अब इसका मतलब है जितना Increases in Trade Payable होगा उतनी राशि कंपनी ने अभी तक अपने Suppliers को नहीं चुकाई।
यानि इतना Cash अभी तक कंपनी में से बहार नहीं गया है।
इस लिए इस राशि जितना Cash भी कंपनी के पास होगा।
जिसकी वजह से Cash Flow की गिनती के लिए हमें इस राशि जितना Cash Operating Activities में Add करना होगा।
DMart के लिए Increase in Trade Payables है, 142.41 करोड़।
इसके से एक दम उल्टा है,
Trade Receivables :
Trade Receivables वो राशि है, जो कंपनी को Product बेचने के बदले में मिली नहीं है।
अब Increase In Trade Receivables का मतलब है की कंपनी को अपने Customers के पास से पहले से ज्यादा पैसा लेना बाकि है।
यानि इतना पैसा अभी तक कंपनी के पास आया नहीं है।
इस लिए Increase in Trade Receivables को Operating Activities में से घटाना पड़ता है।
D’Mart के लिए Increase in Trade Receivables है, 42.16 करोड़।
अगली जोड़ी है,
Decrease in other Current financial liabilities और Decrease in other current financial assets:
Decrease in other Current financial liabilities :
कभी कभी कंपनिया Short Term के लिए कुछ क़र्ज़ लेती है, जो की 1 साल से कम के हो सकते है।
ऐसे क़र्ज़ को Other Current Financial Liabilities कहते है।
अब इसका Decrease होने का मतलब है, कंपनी ने कुछ क़र्ज़ चूका दिए है।
और अगर क़र्ज़ चुकाए है, तो उस राशि जितना Cash कंपनी के पास से कम हो गया होगा।
इस लिए हमें इस Cash को भी घटाना होगा।
Decrease in other current financial assets :
कंपनी कई बार कुछ पैसा Deposit के तौर पर Short Term (1 साल से कम समय) के लिए Bank में जमा करती है।
और कंपनी से कई बार कुछ Employees ने क़र्ज़ लिया होता है।
ऐसी चीज़ो को Other Current Financial Assets कहते है।
अब इसका Decrease होने का मतलब है की कंपनी के पास वह पैसा वापिस आ गया होगा।
इसकी वजह से कंपनी का Cash बढ़ जाएगा।
इस लिए इतनी राशि को Operating Activities में जोड़ना पड़ेगा तभी हमें Cash की स्थिति का पता चलेगा।
अगली जोड़ी है,
Increase in other current liabilities और Increase in other current assets :
Increase in Other Current Liabilities :
इसमें कंपनी को जो कानुनी खर्च देने है और उसके जैसे खर्च सामिल है।
और इसका Increase होने का मतलब है कंपनी को अब पहले से ज्यादा यह खर्च करने पड़ेंगे।
लेकिन अब तक वह खर्च नहीं किया है।
इस लिए इतना पैसा कंपनी के पास ही होगा।
जिस से हमें उतनी राशि के Cash को कंपनी की Operating Activities में जोड़ना होगा।
DMart के लिए यह राशि है 10.67 करोड़।
Increase in other current assets :
Other Current Assets का मतलब है कंपनी ने अपने Suppliers को दिया हुआ Advance और Subsidiaries को दिया हुआ Advance.
इनका Increase होने का मतलब है कंपनी ने Advance ज्यादा दिया है।
अब इस से कंपनी के पास Cash कम होगा।
इस लिए इतनी राशि का Cash हमें कंपनी की Operating Activities से घटाना होगा।
D’Mart के लिए यह राशि है, 25.11 करोड़।
इसके बाद है,
Increase in Inventories :
हम जानते है की Inventories का मतलब कंपनी के पास बेचने के लिए पड़ी हुई Products और Raw Material होता है।
अब Inventories का Increase होने का मतलब है, की कंपनी ने उतने रुपए की Products अभी तक बेचीं नहीं है।
जिस से इतना पैसा कंपनी के पास नहीं आया है।
इस लिए इतने पैसे को हमें कंपनी की Operating Activities में से घटाना पड़ेगा।
D’Mart के लिए यह राशि है, 429.18 करोड़।
इसके बाद है,
Decrease in Provisions :
Provisions का मतलब है, कंपनिया कुछ Doubtful खर्च के लिए कुछ पैसा अलग रखती है वह।
वैसे तो यह भी एक Non Cash Expenditure है इस लिए इसे भी Operating Activities में Add करना पड़ता है।
लेकिन Decrease in Provisions को हमें Operating Activities में से घटाना पड़ता है।
D’Mart के लिए यह राशि है, 1.13 करोड़।
इसके बाद है,
Decrease in Current Investments :
Current Investments का मतलब है, कंपनी ने 1 साल से कम समय के लिए किया हुआ निवेश।
इस निवेश के कम होने का मतलब है, कंपनी ने यह निवेश बेचा होगा।
और निवेश बेचने पर कंपनी के पास Cash आया होगा।
इस लिए Decrease in Current Investments जितनी राशि को Positive दिखाया है।
D’Mart के लिए यह खर्च है, 51.71 करोड़ का।
इसके बाद है,
Increase in other Non Current Assets :
यहाँ पर Non Current Assets Increase यानि की बढे है।
और Assets तभी बढ़ते है, जब कंपनी उन्हें खरीदती है।
खरीदने के लिए पैसा कंपनी में से बहार गया होगा।
इस लिए इस राशि को Cash Flow Statement में Negative लिखा जाता है।
D’Mart के लिए यह राशि है, 20.44 करोड़।
इसके बाद है ,
Decrease in Non Current Financial Assets :
और आखरी है,
Increase in Bank Balance Other Than Cash and Cash Equivalent :
इस तरह इन सब को मिलाकर 321.28 करोड़ है जो की Negative है।
जिसको Operating profit before working capital changes के साथ मिलाकर Cash flow from operating activities मिलता है।
जो की D’Mart के लिए है, 1346.27 करोड़।
अब DMart ने 493.49 करोड़ का दिया है।
इस लिए इतना Cash भी घटाना होगा।
इसके बाद हमें Net Cash Flow From Operating Activities मिलेगा।
D’Mart के लिए यह राशि है, 852.78 करोड़।
तो दोस्तों यह था D’Mart के Cash Flow Statement की Operating Activities का दूसरा हिस्सा।
अब हम आने वाले हिस्से में D’Mart के Cash Flow Statement का बाकि का हिस्सा देखेंगे।
जिसमे Cash Flows From Investing Activities और Cash Flows From Financing Activities सामिल है।
Part 2 : Cash Flows From Investing Activities
कंपनी के लिए लम्बे समय के निवेश से जुडी सभी Activities को Investing Activities में लिखा जाता है।
जैसे अगर कंपनी ने कोई नई संपत्ति खरीदी या बेचीं तो इस से जुड़े Cash Flows की Entry यहाँ पर की जाती है।
उदाहरण :
कंपनी ABC ने अपनी एक पुरानी Building 10 करोड़ में बेचीं और नई 15 करोड़ में खरीदी।
ऐसे में यह दोनों ही Entry कंपनी के Cash Flow From Investing Activities में इस तरह होगा :
Disposal of Old Building 10 करोड़ (Inflow)
Purchase of New Building – 15 करोड़ (outflow)
अब हम D’Mart के Cash Flow Statement में से Investing Activities को समझते है।
D’Mart – Cash Flow From Investing Activities :

Investing Activities में पहली Entry है,
1) Proceeds from disposal of property plant and equipment :
इसका मतलब है, की कंपनी को अपनी Property, plant और Equipment बेचकर मिला हुआ पैसा।
अब यह सब बेचने पर कंपनी के पास Cash आएगा।
इस लिए इस राशि को Positive लिखा जाएगा।
D’Mart के लिए यह राशि है, 8.05 करोड़।
इसके बाद है,
2) Realisation from FDs of IPO proceeds :
इसका मतलब है, की कंपनी को IPO Proceeds से वापस मिला पैसा।
यह पैसा कंपनी में अंदर आएगा इस लिए इस राशि को भी Positive लिखा जाएगा।
D’Mart के लिए यह राशि है, 399.14 करोड़ है।
इसके बाद है,
3) Interest Received :
Interest Received यानी कंपनी को अपने निवेश पर मिला हुआ ब्याज।
ब्याज कंपनी के पास आने का मतलब है, कंपनी के पास Cash का आना।
इस लिए इस राशि को भी Investing Activities में Positive लिखा जाएगा।
DMart को इस साल 39.22 करोड़ का ब्याज मिला है।
इस लिए इसमें 39.22 करोड़ को Positive लिखा गया है।
अगला है,
4) Gain on Sale of Investments :
जब भी कंपनी लम्बे समय के बाद निवेश के लिए खरीदी हुई संपत्ति को बेचते है, तो उसमे कंपनी को नुकसान या लाभ हो सकता है।
इन दोनों की भी Entry यहाँ पर की जाती है।
DMart के लिए Gain on Sale of Investments लिखा है, यानी उसे संपत्ति बेचकर लाभ मिला है।
बेचने पर कंपनी के पास उतनी राशि आती है, इस लिए इसे भी Positive लिखा जाता है।
DMart के लिए यह राशि 10.08 करोड़ है।
इसके बाद है,
5) Rent Received :
Rent Received का कंपनी ने अपनी किराए पर दी हुई कोई संपत्ति से मिला हुआ किराया।
किराया Cash के रूप में ही आता है, इस लिए इसे भी Positive ही लिखा जाता है।
D’Mart के लिए यह राशि है, 5.27 करोड़ की।
अगला है,
6) Purchase of Property, Plant and Equipment/ Intangible Assets/ Investment Properties :
अगर कंपनी ने लम्बे समय के निवेश के लिए कोई संपत्ति खरीदी है, तो उसकी Entry भी Investing Activities में ही आएगी।
अब कोई चीज़ खरीदने पर पैसा देना पड़ेगा इस लिए इस प्रक्रिया में कंपनी के पास से पैसा बहार जाएगा।
जिस से इस Entry को Negative लिखा जाएगा।
D’Mart के लिए यह राशि है, 1379.98 करोड़।
Investing Activities में आखरी है,
7) Investment in Subsidiaries :
कई बार कंपनियां अपनी Subsidiaries में निवेश करती है।
इस राशि की Entry भी Investing Activities में की जाएगी।
निवेश करने से कंपनी में से पैसा बहार जाएगा इस लिए इस राशि को Negative लिखा जाएगा।
D’Mart के लिए यह राशि है, 82.50 करोड़।
इन सभी Activities को मिलाकर मिलता है, Net Cash Flow From Investing Activities.
D’Mart के लिए यह राशि है, 1000.72 करोड़ की जो की Negative है।
यानी Investing Activities में कंपनी का Cash खर्च हुआ है, जो बहुत अच्छी बात है।
इसका मतलब है, कंपनी भविष्य के लिए निवेश कर रही है।
अब हम D’Mart के Cash Flow Statement की Financial Activities के बारे में जानेंगे।
Cash Flow Statement Example Part 3 : Cash Flows From Financing Activities
हम जानते है, की कंपनी अपने व्यापार के लिए शेयर बेचकर , Bank से क़र्ज़ ले कर या Debentures जारी कर के पैसा जुटाती है।
इन सब से जुडी Activities की Entry Cash Flow From Financing Activities में की जाती है।
D’Mart – Cash Flow From Financing Activities:
इसमें पहला है,
1) Proceeds from Long-term Borrowings :
अगर कंपनी लम्बे समय का क़र्ज़ लेती है, तो उसकी Entry यहाँ पर होती है।
क़र्ज़ लेने से कंपनी के पास पैसा आएगा इस लिए इस राशि को Positive लिखा जाता है।
DMart के लिए Proceeds from Long-term Borrowings है, 150 करोड़।
इसके बाद है,
2) Proceeds from short-term borrowings :
अगर कंपनी 1 साल से कम समय के लिए क़र्ज़ लेती है, तो उसकी भी Entry यहाँ पर होती है।
लम्बे समय का क़र्ज़ हो या कम समय का क़र्ज़ क़र्ज़ लेने से कंपनी में पैसा आता ही है।
इस लिए इसे भी Positive ही लिखा जाता है।
D’Mart के लिए यह राशि है, 50 करोड़ की।
3) Proceeds of Commercial Papers :
कंपनी द्वारा इशू किए जाने वाले Commercial Papers के Cash Flow की Entry भी यही की जाती है।
इस प्रक्रिया से भी कंपनी के पास पैसा आता है, इस की राशि को भी Positive ही लिखा जाता है।
D’Mart के लिए यह राशि है, 786.52 करोड़ की।
4) Repayment of Long Term Borrowings :
लंम्बे समय के क़र्ज़ लेने की Entry की तरह Repayment की Entry भी यही होती है।
Repayment से कंपनी में पैसा कम होता है, इस लिए इस राशि को Negative लिखा जाता है।
DMart ने 16 करोड़ की Long Term Borrowings का Repayment किया है।
5) Repayments of Non-Convertible Debentures :
Non-convertible Debentures के बारे में हम पहले ही जान चुके है।
यह वैसे Debentures होते है, जो शेयर में Convert नहीं होते।
इनका Repayment करना पड़ता है।
DMart ने इस साल 170 करोड़ के Non-Convertible Debentures का Repayment किया है।
6) Repayment of Short Term Borrowings :
DMart ने इस साल कम समय के लिए लिए हुए 4.55 करोड़ के क़र्ज़ का भुगतान कर दिया है।
इस लिए इतनी राशि को Negative लिखा गया है।
इसके बाद है,
7) Repayment of Commercial Paper :
D’Mart ने कुछ Commercial Papers इशू किए है, और पहले के कुछ Commercial Papers का Repayment किया है।
यह राशि है, 540.99 करोड़ की।
इस लिए इस राशि को Negative लिखा गया है।
अगला और आखरी है,
8) Interest Paid :
कंपनी अपने क़र्ज़ के ब्याज का भुगतान करती है, इसे भी Financing Activities में सामिल किया जाता है।
DMart ने इस साल 50.94 करोड़ के ब्याज का भुगतान किया है, इस लिए इस राशि को भी Negative लिखा गया है।
इन सभी को मिलाकर Net Cash From Financing Activities होता है, 204.04 करोड़।
अब इन तीनो Activities से मिले हुए या उपयोग हुए Cash को मिलाने से बनता है, Net Increase in Cash & Cash Equivalent.
D’Mart के लिए यह राशि है, 56.10 करोड़।
यानी इस पुरे साल में DMart के पास 56.10 करोड़ का Cash आया है।
अब साल की शुरुआत में उसके पास 64.01 करोड़ का Cash था।
जो अब साल ख़तम होने के बाद 120.11 करोड़ हो गया है।
वैसे तो यह राशि 120.23 करोड़ होती लेकिन 0.12 करोड़ का बैंक का Overdrawn था जो की पहले से ही Other Current Financial Liabilities में आ चूका है।
Overdrawn का मतलब बैंक में balance से ज्यादा पैसो का उपयोग करना जैसे Overdraft होता है, वैसे ही।