Majedar Paheliyan In Hindi With Answer
टोपी है हरी मेरी,
लाल है दुशाला |
पेट में अजीब लगी,
दानों की माला |
उत्तर – मिर्च
सर है, दुम है, मगर पाँव नहीं उसके,
पेट है, आँख है, मगर कान नहीं उसके |
उत्तर – साँप
सींग हैं पर बकरी नहीं,
काठी है पर घोड़ी नहीं |
ब्रेक हैं पर कार नहीं,
घंटी है पर किवाड़ नहीं |
उत्तर – साईकिल
एक वस्तु को मैंने देखा, जिस पर हैं दाँत,
बिना मुख के बोलकर, करे रसीली बात |
उत्तर – हारमोनियम
नाक को पकड़कर, खींचता है कान,
कोई नहीं इसे कुछ कहता, बताओ उसका नाम |
उत्तर – चश्मा
एक फूल है काले रंग का,
सिर पर सदा सुहाए |
तेज धूप में वो खिल जाता,
छाया में मुरझाए |
उत्तर – छाता
जन्म दिया रात ने,
सुबह ने किया जवान |
दिन ढलते हीं,
निकल गई इसकी जान |
उत्तर – अख़बार
तीन अक्षर का मेरा नाम,
खाने के आता हूँ काम |
मध्य कटे हवा हो जाता,
अंत कटे तो हल कहलाता |
उत्तर – हलवा
धूप देख मैं आ जाऊँ,
छाँव देख शर्मा जाऊँ |
जब हवा करे मुझे स्पर्श,
मैं उसमे समा जाऊँ |
उत्तर – पसीना
दुनिया भर की करता सैर,
धरती पे ना रखता पैर |
दिन में सोता, रात में जागता,
रात अँधेरी मेरी बगैर |
उत्तर – चाँद
सबके हीं घर ये जाए,
तीन अक्षर का नाम बताए |
शुरु के दो अति हो जाए,
अंतिम दो से तिथि बन जाए |
उत्तर – अतिथि
मध्य कटे तो बनता कम,
अंत कटे तो कल |
लेखन में आती काम,
सोचो तो क्या मेरा नाम |
उत्तर – कलम
चार टाँग की हूँ एक नारी,
छलनी सम मेरे छेद |
पीड़ित को आराम मैं देती,
बतलाओ भैया यह भेद |
उत्तर – चारपाई
पानी से निकला पेड़ एक,
पात नहीं पर डाल अनेक |
इस पेड़ की ठंडी छाया,
बैठ के नीचे उसको पाया |
उत्तर – फव्वारा
काला मुँह, लाल शरीर,
कागज को वो खा जाता |
रोज शाम को पेट फाड़कर,
कोई उन्हें ले जाता |
उत्तर – लेटर बॉक्स
सुंदर – सुंदर ख़्वाब दिखाती,
पास सभी के रात में आती |
थके हुए को दे आराम,
जल्द बताओ उसका नाम |
उत्तर – नींद
लंबा तन और बदन है गोल,
मीठे रहते मेरे बोल |
तन पे मेरे होते छेद,
भाषा का मैं न करूँ भेद |
उत्तर – बाँसुरी
एक साथ आए दो भाई,
बिन उनके दूर शहनाई |
पीटो तब वह देते संगत,
फिर आए महफ़िल में रंगत |
उत्तर – तबला
हरा आटा, लाल पराठा,
मिल – जुल कर सब सखियों ने बाँटा |
उत्तर – मेंहदी
एक किले के दो हीं द्वार,
उनमें सैनिक लकड़ीदार |
टकराए जब दीवारों से,
ख़त्म हो जाए उनका संसार |
उत्तर – माचिस
उछले दौड़े कूदे दिनभर,
यह दिखने में बड़ा हीं सुंदर |
लेकिन नहीं ये भालू बंदर,
अपनी धुन में मस्त कलंदर |
इसके नाम में जुड़ा है रन,
घर हैं इसके सुंदर वन |
उत्तर – हिरण
रंग बिरंगा बदन है इसका,
कुदरत का वरदान मिला |
इतनी सुंदरता पाकर भी,
दो अक्षर का नाम मिला |
ये वन में करता शोर,
इसके चर्चे हैं हर ओर |
उत्तर – मोर
सुबह आता, शाम को जाता,
दिनभर अपनी चमक बरसाता |
समस्त सृष्टि को देता वैभव,
इसके बिना नहीं जीवन संभव |
उत्तर – सूरज